हाउस टैक्स पर सामने आया बड़ा अपडेट, हरिद्वार नगर निगम की यह तैयारी

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नगर निगम क्षेत्र में जुड़े 11 नये वार्डों के 109 मोहल्लों में करीब दो हजार अनावासीय भवनों पर टैक्स लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने बताया कि नगर निगम ने इसके लिए सूचना जारी कर दी है। आपत्ति एवं सुझाव के लिए 15 दिन तय किए गये हैं।

नगर निगम को नये क्षेत्र के अनावासीय भवनों से सालाना करीब तीन करोड़ की आमदनी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। हरिद्वार नगर निगम के विस्तारीकरण के बाद नगर निगम क्षेत्र में वार्डों की संख्या साठ पहुंच चुकी है। जबकि सरकार ने नए क्षेत्र के आवासीय भवनों पर दस साल तक टैक्स न वसूलने का फैसला लिया है।

लेकिन नगर निगम ने नए 11 नये वार्डों में अनावासीय भवनों से टैक्स वूसली करने का पूरा खाका तैयार कर लिया। नगर आयुक्त ने एक सार्वजनिक सूचना जारी कर अनावासीय भवनों पर लगने वाले टैक्स का स्लैब जारी कर दिया है। स्लैब में अनावासीय भवनों पर लगने वाले टैक्स संबंधी सभी जानकारी दी गयी हैं।

अपात्तियों के निस्तारण के बाद नये क्षेत्र के अनावासीय भवनों पर टैक्स वसूली की कार्रवाई अमल में लायी जाएगी। नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने बताया कि पिछले वर्ष टैक्स अनुभाग ने दस करोड़ की टैक्स वूसली की थी। नए क्षेत्र के जुड़ने के बाद यह आंकड़ा 15 करोड़ तक पहुंचेगा।

अधिकतर भवनों पर इस प्रकार लगेगा टैक्स 
पक्के भवनों पर 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर 1.26 रुपये प्रतिवर्ग फुट, 12 से 24 मीटर चौड़ी सड़क पर 1.89 रुपये प्रतिवर्ग फुट, 24 मीटर अधिक चौड़ी सड़क 2.52 रुपये प्रतिवर्ग फुट टैक्स वसूला जाएगा। अन्य पक्के भवन 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर 0.95 पैसे प्रतिवर्ग फुट, 12 से 24 मीटर चौड़ी सड़क पर 1.58 रुपये प्रतिवर्ग फुट, 24 मीटर अधिक चौड़ी सड़क 2.21 रुपये प्रतिवर्ग फुट टैक्स वसूला जाएगा।

कच्चे भवन 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर 0.80 पैसे प्रतिवर्ग फुट, 12 से 24 मीटर चौड़ी सड़क पर 1.26 रुपये प्रतिवर्ग फुट, 24 मीटर अधिक चौड़ी सड़क 1.58 रुपये प्रतिवर्ग फुट टैक्स वसूला जाएगा। भूखंड जिसमें भवन न बना हो 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर 0.45 रुपये प्रतिवर्ग फुट।

12 से 24 मीटर चौड़ी सड़क पर 0.60 पैसे प्रतिवर्ग फुट, 24 मीटर अधिक चौड़ी सड़क 0.75 पैसे प्रतिवर्ग फुट टैक्स वसूला जाएगा। नगर निगम की ओर से जारी सूचना में टैक्स का स्लैब लगभग यही है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में निर्धारित टैक्स की रकम में अंतर हो सकता है।
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