उत्तराखंड में उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम सुधार होमवर्क पूरा, स्किल्ड एजुकेशन पर होगा काम

Diwali Ad

[ad_1]

उत्तराखंड में उच्च शिक्षा के अंतर्गत पाठ्यक्रम सुधार पर काम किया जा रहा है. इसके लिए उच्च शिक्षा से जुड़े तमाम एक्सपर्ट विभिन्न विषयों को लेकर अपने परामर्श के बाद मौजूदा पाठ्यक्रम में होने वाले बदलाव का खाका खींच चुके हैं. दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रदेश में उच्च शिक्षा को शैक्षणिक लिहाज से ज्यादा बेहतर बनाने के प्रयास हो रहे हैं. इसके लिए जरूरी बदलावों के लिए काम चल रहा है.

प्रदेश में उच्च शिक्षा से जुड़े तमाम एक्सपट्र्स शैक्षणिक व्यवस्था में होने वाले बदलावों को लेकर अपने सुझाव दे चुके हैं. बड़ी बात यह है कि इसके लिए बड़े स्तर पर मंथन किया गया है. प्रत्येक विषय को बारीकी से चर्चा में लाते हुए इसमें होने वाले जरूरी बदलाव के लिए भी खाका खींच लिया गया है. उच्च शिक्षा में बेहतर बदलाव के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और उच्च शिक्षा के अधिकारियों के अलावा तमाम एक्सपर्टस और विभिन्न सेक्टर के जानकरों से भी उनके सुझाव लिए गए हैं.

उच्च शिक्षा में पाठ्यक्रम को लेकर जो सुधार किया जा रहा है. उसमें शासन की कोशिश पाठ्यक्रम को बेहतर बनाकर छात्रों को कौशलपरक बनाने, एप्लीकेशन बेस्ड, प्रोजेक्ट बेस्ड पाठ्यक्रम और प्रयोगात्मक सुधार को लाने की है. जिसके लिए पूर्व में हुए मंथन के दौरान विभिन्न शैक्षणिक कार्यों से जुड़े एक्सपर्ट द्वारा अपनी राय भी दी गई है. फिलहाल शैक्षणिक सुधार को लेकर विषय वार बदलाव का एक खाका तैयार भी कर लिया गया है. बड़ी बात यह रही कि विभिन्न विषयों पर विषय से जुड़े एक्सपर्ट द्वारा जरूरी बदलाव के सुझाव दिए गए. साथ ही इसको चर्चा में भी रखा गया. इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कोऑर्डिनेटर भी इसमें मौजूद रहे.

फिलहाल उच्च शिक्षा के अंतर्गत तैयार किए गए पाठ्यक्रम सुधार से जुड़े ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने की कोशिश हो रही है. इसके बाद शासन स्तर से इस पर जरूरी अनुमोदन लेने के बाद नए सत्र से इसे लागू करने की भी कोशिश की जाएगी. यह माना गया है कि उच्च शिक्षा के अंतर्गत जिन विषयों की पढ़ाई छात्र कर रहे हैं वह केवल किताबों तक सीमित ना हो बल्कि भविष्य में रोजगार और छात्रों को कौशलपरक बनाने के लिए भी इस पढ़ाई का लाभ छात्र ले सकें. उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भी छात्रों को कौशलपरक शिक्षा देने की बात कहते रहे हैं. इसी के तहत शासन स्तर पर भी इसके लिए मंथन किया गया है.






[ad_2]

Source link

Leave A Reply

Your email address will not be published.