CM पुष्कर धराली-थराली और गुजरे साल सिल्क्यारा Tunnel संकट के दौरान भी मौके पर पहुँचने में देर नहीं लगाई थी। वहाँ डेरा दाल के रातें तक गुजारी थीं। स्यानाचट्टी भी वह पहुँच गए और कई अहम फैसले मौके पर लिए। उन्होंने परिवहन-आवाजाही बंद होने के चलते जल्द से जल्द आलू की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने के निर्देश DM प्रशांत आर्य को दिए।
स्यानाचट्टी के करीब यमुना नदी में गडगाड गदेरे से मलबा आने से यमुना का प्रवाह रुकने से अस्थाई झील बनी हुई थी। मुख्यमंत्री ने अस्थाई झील का निरीक्षण किया। उन्होंने नदी मार्ग में जमा हुई गाद को हटाने और झील के मुहाने को चौड़ा करके त्वरित जल निकासी बढ़ाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी को जल भराव और मलबा आने से स्थानीय लोगों को हुए नुकसान का तत्काल आंकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए PSD ने कहा। कुपड़ा कुंशाला पुल का निरीक्षण कर जल्द से जल्द कार्यदायी संस्था नामित कर निर्माण कार्य शुरू करने और आवाजाही बहाल होने तक वैकल्पिक पैदल मार्ग को व्यवस्थित करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने जगह-जगह भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध होने से बाधित हुई आवाजाही को बहाल करने और यमुनोत्री मार्ग को सुचारू कर यात्रा के लिए जल्द खोलने के लिए भी कहा। पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल, यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, BJP जिलाध्यक्ष नागेंद्र चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष रमेश चौहान, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान,गढ़वाल समन्वयक किशोर भट्ट, DM प्रशांत आर्य, SP सरिता डोभाल, Commandant (SDRF) अर्पण यदुवंशी भी मुख्यमंत्री के साथ थे।