स्वास्थ्य मंत्री गुजरात रवाना, चिंतन शिविर में करेंगे प्रतिभाग

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-केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय केवडिया में आयोजित कर रहा स्वास्थ्य शिविर
-‘स्वस्थ राज्य, स्वस्थ राष्ट्र’ की अवधारणा पर तय होगा रोडमैप
-चिंतन शिविर में शामिल होंगे सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री

देहरादून, ब्यूरो। सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत आज (बुधवार) गुजरात के लिए रवाना हो गये हैं। डॉ0 रावत गुजरात के केवडिया में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘स्वास्थ्य चिंतन शिविर’ में भाग लेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस चिंतन शिविर में सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री प्रतिभाग करेंगे। जिसमें ‘स्वस्थ राज्य, स्वस्थ राष्ट्र’ की अवधारणा पर भविष्य का रोडमैप तैयार किया जायेगा।

डॉ0 रावत ने कहा कि चिंतन शिविर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य सरकार के प्रयासों एवं भविष्य की योजनाओं को रेखांकित करते हुए चिकित्सा के विस्तारीकरण एवं सुधारीकरण के लिए सुझाव रखे जायेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि तीन दिवसीय सम्मेलन का उद््देश्य स्वस्थ भारत के लिए एक रोडमैप तैयार करना है, जो ‘स्वस्थ राज्य, स्वस्थ राष्ट्र’ की अवधारणा पर आधारित होगा। उन्होंने देहरादून, ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय, बिध्याणी, यमकेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय, बिध्याणी, यमकेश्वर में ब्रह्मालीन राष्ट्रसंत महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की मूर्ति का अनावरण किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि महंत अवैद्यनाथ जी की प्रेरणा से ही यहां महाविद्यालय की स्थापना हुई है। उन्होंने कहा कि ग्राम कांडी में ही महंत अवैद्यनाथ जी का जन्म हुआ था किंतु ज्यादा समय तक नहीं रुक सके थे। कहा कि वे यहां की शिक्षा व्यवस्था के बारे में पूछते रहते थे। मैंने उन्हें अवगत कराया था कि यहां कोई डिग्री कॉलेज नहीं है, यहां के निवासियों ने समिति बनाकर कॉलेज के लिए जमीन दी और यहां कुछ कक्षाओं का प्रारंभ हो सका था।कहा कि देशभर में सस्ती, सुलभ और उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए योजनाओं का निर्माण किया जाना आवश्यक है, जिसमें भविष्य में महामारियों की रोकथाम और आरोग्य राष्ट्र के लक्ष्य का निर्धारण करना होगा। इसके लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक स्तर पर श्रेष्ठ चिकित्सकीय शोधों को साझा कर राज्यों के साथ आपसी सहयोग तथा समन्वय स्थापित किया जाना आवश्यक है।

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